युद्ध ही आदि है, युद्ध ही अंत है.
युद्ध ही विकास है, युद्ध ही विनाश है.
युद्ध ही तेरा धर्म है योद्धा, युद्ध ही तेरा इम्तिहान है.
रणभूमि की गोद से निकला योद्धा, तू युद्ध से भी विशाल है.
शिकन नहीं माथे पर तेरी, उज्जवल तेरा लालिमा सा रक्त है,
भय नहीं अभय है तू, निर्भय, तू कालिमा का भक्त है.
बादलों की आढ़ में छिपा तेरा भगवान् भी लाचार है,
भिड़ेंगे योद्धा कुछ ऐसे, हार जीत का ही समाचार है.
जिस प्रेमिका के होठों का है तू प्रेम गीत योद्धा,
उस प्रेमिका की लाज बचा, रणभूमि की यही गुहार है.
जिस माँ की आँखों की बेचैनी बन तू आया यहाँ,
उस माँ के आशीर्वाद में क़ैद तुझसे जीत की फ़रियाद है.
जिस चिन्घारी ने तेरा घर जलाया, तेरे दिल में आज वो आग है.
जिस भस्म को माथे पर रगड़ आया आज, तेरे शत्रु की वो राख है.
सैंकड़ो सूर्यों का तेज लिए, अद्धभुत तेरा कपाल है.
सहस्र भुझाओं के बल से बनी, कठोर तेरी ढाल है.
रक्त से सींची हुई तेरी जो तलवार है.
तेरी रूह सी ही चंचल चपल, तेरे बाण हैं, कमान है.
युद्ध की ललकार, आरम्भ हुआ हाहाकार, शंख नाद का शोर प्रचंड है.
नत्त्मस्तकों के शीश, हाथ में लिए, योद्धा तुझे अपनी जीत पर घमंड है.
टूट पड़ तू ऐसे युद्ध का तू हैवान है,
गर्व कर भुजाओं पर अपनी, इन् हाथों में तलवार है.
मन तेरा बलवान है, शौर्य महान है,
धरती तेरी दास है, सेवक आसमान है.
गरज गरज आज ऐसे, तेरी हुंकार से दिल सहम जाने दे,
बरस बरस आज ऐसे, तेरे कोप में सब बह जाने दे.
यह चिंघाड़ते शेर हाथी तेरी जीत का ऐलान हैं.
यह कांपती सी धरती उनकी हार का प्रमाण है.
देश में तेरे खुश बच्चे बूढ़े तेरी जीत का ऐलान हैं.
शत्रु के सीने में लहराता तेरा ध्वज उनकी हार का प्रमाण है.
उनकी हार का प्रमाण है, उनकी हार का प्रमाण है.
- Prateek
wow!
ReplyDelete: )
DeleteKaap uthe gagan ye aisa hahakar kar,
ReplyDeleteIs ranbhumi ka tu rakt se shringar kar
Wow! Pretty nice : )
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